तुम्हारे स्त्रित्व को शब्द देना
उन्हें कागज़ पर उकेरना
उतना ही मुश्किल है
जितना
तुम्हारे सामने
ब्रह्मचर्य को बचाए रखना
या
यूं समझो
कि तुम्हारा सौंदर्य
मेरे पुरुषार्थ को महीन कर देता है
अनायास ही
मन के किसी कोने को
चरित्रहीन कर देता है...
उन्हें कागज़ पर उकेरना
उतना ही मुश्किल है
जितना
तुम्हारे सामने
ब्रह्मचर्य को बचाए रखना
या
यूं समझो
कि तुम्हारा सौंदर्य
मेरे पुरुषार्थ को महीन कर देता है
अनायास ही
मन के किसी कोने को
चरित्रहीन कर देता है...
1 टिप्पणी:
हम्म ...
इमानदार नज़्म
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