शुक्रवार, 14 जून 2013

तुम्हारे स्त्रित्व को शब्द देना
उन्हें कागज़ पर उकेरना
उतना ही मुश्किल है
जितना
तुम्हारे सामने
ब्रह्मचर्य को बचाए रखना
या
यूं समझो
कि तुम्हारा सौंदर्य
मेरे पुरुषार्थ को महीन कर देता है
अनायास ही
मन के किसी कोने को
चरित्रहीन कर देता है...

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

हम्म ...
इमानदार नज़्म