शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

हैप्पी जादू की झप्पी डे...

काश तम में प्रकाश मिल जाये
इक नयी राह, काश मिल जाये
उसको सीने से तुम लगा लेना
गर कोई दिल हताश मिल जाये …

किसी कविता पसंद इंसान के ये चंद अल्फाज़ काफी है ये बताने के लिए कि जिंदगी कुछ पल के लिए ही सही लेकिन कितनी मधुर हो जाती है जब कोई किसी को गले लगाता है...मुझे जब भी किसी ने गले लगाया मैं आत्म विभोर हो उठा...ज़िंदगी ने कई बार ऐसी करवटें बदली जब किसी खास की कमी खली,हर बार दिल ने महसूस किया कि काश वो होता और सीने से लगा लेता...महसूस करता मेरी पीड़ा...बांट लेता आधा आधा...तब शायद मेरी पीड़ा कुछ कम हो जाती....
गले लगाने से या गले लगने से एक अजीब ऊर्जा का संचालन होता है जो मानसिक रुप से किसी भी इंसान को संतुष्ट करने की क्षमता रखता है...किसी को सीने से लगाने में जो आनंद है उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता, लेकिन इतना ज़रुर कह सकता हूं कि यह एक बहुत प्यारा एहसास है...
आप सभी को हैप्पी जादू की झप्पी डे...

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बहुत खूब सर,लेकिन दूर से जादू की झप्पी नहीं मानी जाएगी...

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

काश तम में प्रकाश मिल जाये
इक नयी राह, काश मिल जाये

उसको सीने से तुम लगा लेना
गर कोई दिल हताश मिल जाये

वक्त गुजरा भी लौट सकता है
गर जमीं से आकाश मिल जाये

हर कोई बैठ कर जियेगा जो
सबको अपनी तलाश मिल जाये

हर खुशी मिल गयी, समझ लेंगे
जो तेरा बाहुपाश मिल जाये

अमित भाई मेरी उपरोक्त ग़ज़ल की पहली चार पंक्तियों को अपने ब्लॉग में स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार